7/29/10

एक पागल कुत्ते का नौहा

एक पागल कुत्ते का नौहा

एक मजदूर क़ी हैसियत से
मैंने ज़हर क़ी एक बोरी
स्टेशन से गोदाम तक उठाई
मेरी पीठ हमेशा के लिए नीली हो गयी

एक शरीफ आदमी क़ी हैसियत से
मैंने अपनी पीठ को सफ़ेद रंगवा लिया

एक किसान क़ी हैसियत से
मैंने एक एकड़ जमीन जोती
मेरी पीठ हमेशा के लिए टेढ़ी हो गई

एक शरीफ आदमी की हैसियत से
मैंने अपनी रीढ़ क़ी हड्डी निकलवाकर
अपनी पीठ सीधी करवा ली

एक उस्ताद क़ी हैसियत से
मुझे खरिया मिट्टी से बनाया गया

एक शरीफ आदमी की हैसियत से
ब्लैक बोर्ड से

एक गोरकन की हैसियत से
मुझे एक लाश से बनाया गया
एक शरीफ आदमी क़ी हैसियत से
मरहूम क़ी रूह से

एक शायर क़ी हैसियत से
मैंने एक पागल कुत्ते का नौहा लिखा

एक शरीफ आदमी क़ी हैसियत से
उसे पढ़कर मर गया.

अफ़ज़ाल अहमद

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