आज मज़े के इस मूड में बाबा नागार्जुन याद आ गए! पढ़िए उनकी मैथिल कविता "की लाल! की लाल!".
की लाल? की लाल?
अढूलक फूल लाल !
आरतिक पात लाल !
तिलफ़ोड़क फSड लाल!
छऊडीक ठोर लाल !
सूगाक लोल लाल !
ई लाल! ओ लाल !
शोणित लाल, क्रान्ति लाल!
युद्धोत्तर शांति लाल !
रूसकेर देह लाल !
चीनकेर कोंढ़ लाल!
अमेरिकाक नाक लाल!
ब्रिटेनक जीह लाल !
ई! लाल! ओ लाल !
हम्मर मोसि लाल !
अहांक कलम लाल !
हिनकर पोथी लाल !
हुनक गत्ता लाल !
ककरो गाल लाल !
ककरो आंखि लाल !
ई लाल ! ओ लाल!
2 comments:
blogwood ke navka lal
hamar sabhak mritunjya lal
sadar
Hi great readding your blog
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